इंटरनेट पर लिखी जाने वाली गलत वर्तनियां भले ही ऑनलाइन पीढ़ी के लिए फटाफट बात करने का जरिया हों, लेकिन इन वर्तनियों के कारण परंपरागत वर्तनियों का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।यह खुलासा है येल विश्वविद्यालय में हाल ही में किए एक शोध का। जिसमें कहा गया है कि इंटरनेट पर प्रचलित वर्तनियों से आने वाले समय में परंपरागत वर्तनियों के अस्तित्व को खतरा पहुंच सकता है। हमारे देश के विशेषज्ञों का भी मानना है कि यह वर्तनियां चैटिंग से चल कर एग्जाम शीट तक पहुंच रहीं हैं, जिससे भाषा का रूप ही बदलने लगा है।विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि इन वर्तनियों ने अंग्रेजी भाषा को भले ही समृद्ध किया हो, लेकिन कई स्थानों पर इनसे परंपरागत वर्तनियों को वास्तव में खतरा पहुंच रहा है। ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में लगातार कई नए शब्दों को जोड़ा जा रहा है। इनमें से कई शब्द इंटरनेट चैटिंग से भी आए हैं, लेकिन द और थैंक्स जैसे शब्दों की वर्तनियां अब वास्तव में बदलती जा रही हैं।यही हाल रहा तो कुछ समय बाद लोग इनकी असली वर्तनी भूल जाएंगे और यह वर्तनियां सिर्फ किताबों में ही दिखाई देंगी। इंटरनेट की सोशल वेबसाइटस पर चैटिंग के दौरान द को टीईएच या सिर्फ डी, टुमॉरो को 2मॉरो, और थैंक्यू को टीएचएक्स लिखा जा रहा है, जिसका उपयोग युवा पीढ़ी अब परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में भी करने लगी है। इसी तरह प्लीज को पीएलजैड और व्हाट को डब्ल्यूएचटी लिखा जाने लगा है।वर्तनी के इस नवप्रयोग का इसका दायरा देश के प्रमुख महानगरों तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि यह छोटे शहरों के नौजवानों को अपनी चपेट में ले रहा है। इस विदू्रप चलन को आधुनिक फैशन के रूप में स्वीकार कर लिए जाने से रोंक की संभावना कम बताई जाती है। देश की राजधानी के एक स्कूल में अंग्रेजी भाषा की शिक्षिका रीना देशमुख की माने तो बच्चे अब परीक्षा की कॉपी में भी ऐसी ही अंग्रेजी लिखने लगे हैं। पिछले कई साल से देखने में आ रहा है कि बच्चों प्लीज, थैंक्यू और कई ऐसे ही शब्दों की अलग वर्तनियां लिखने लगे हैं। उन्हें शायद इस बात का अहसास ही नहीं होता कि वह गलत लिख रहे हैं। यह हालात तब हैं जब बच्चों को यह बताया जाता है कि इससे उनके नंबर कटते हैं, लेकिन ऐसा लगता हैं कि इन शब्दों का उपयोग करने की अब बच्चों को आदत सी हो गई है। कुछ भी हो, लेकिन भाषा के लिए यह सही नहीं है।स्कूली छात्र भी मानते हैं कि चैटिंग की भाषा अब आदत में शामिल हो गई है। कई बार परीक्षा में भी वही वर्तनी लिख देते हैं जो चैटिंग में लिखते हैं। चैटिंग और एसएमएस ने शब्दों को शॉर्ट करने की आदत बढ़ा दी है। यह जानते हुए कि इससे कई टीचर नंबर काट लेते हैं, इसलिए पूरी कोशिश रहती है कि सही शब्द लिखें, लेकिन फिर भी कई बार गलती हो जाती है।
शुक्रवार, मार्च 05, 2010
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