शनिवार, दिसंबर 10, 2011

नए वर्ष की सर्दी से लागू होगी वर्दी


- एक जनवरी से कलेक्ट्रेट कर्मचारियों पर लागू होगा ड्रेस कोड 
- राज्य ही नहीं देश में बनेगी पहल की मिसाल 
 यदि सब कुछ ठीक रहा तो भोपाल  जिलाधीश कार्यालय में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी ड्रेस में नजर आएंगे। संबंधित कार्यालय ने योजना को मूर्त रुप देने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली है और एक जनवरी से इसे प्रभावी करने जा रहा है। इसके बाद राजधानी का कलेक्टर कार्यालय राज्य का ही नहीं देश का पहला ऐसा कार्यालय होगा जहां डे्रस कोड लागू होगा। इससे पहले राज्य में नगरीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए ही डे्रस कोड का पालन करने की अनिवार्यता थी।
  सरकार की सुरक्षा एजेंसियों में ड्रेस कोड का प्रावधान भले ही अलग पहचान के लिए विशिष्टता माध्यम बनी थी लेकिन ड्रेस कोड के मामले इन एजेंसियों का एक छत्र अधिकार नहीं रह गया है। प्रदेश में नगरीय निकाय के बाद अब  राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी भी निश्चित परिधान में नजर आएंगे। हालांकि राज्य शासन ने इस संबंध पर कोई आदेश दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं बावजूद इसके कलेक्टर कार्यालय भोपाल यह पहल करने जा रहा है। नए वर्ष से हो रही इस पहल के बाद कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अनिवार्य हो जाएगा।
                          कलेक्टर निकुंज श्रीवास्तव की निगरानी में तैयार इस योजना के तहत कर्मचारियों को नेवी ब्ल्यू शर्ट और ग्रीन डॉर्क पैंट के साथ ही नेमप्लेट का इस्तेमाल भी करना पड़ेगा। वहीं महिलाओं के लिए नेवी ब्ल्यू साड़ी का निर्धारण किया गया है। यह कहना न होगा कि प्रशासनिक क्षमता का प्रयोग करते हुए श्री श्रीवास्तव द्वारा लिए गए निर्णय विशिष्टता का पर्याय बने हैं। नगर निगम आयुक्त रहते हुए उन्होंने जहां निगम कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड की पहल करते हुए राज्य में नगरीय निकाय कर्मचारियों के लिए ड्रेस अनिवार्य करवाने में सफलता अर्जित की वहीं छिंदवाड़ा कलेक्टर रहते हुए पाढ़ुर्ना के परंपरागत गोटमार मेला जैसी हिंसक गतिविधियों पर भी रोंक लगाने का प्रयास किया है।
                        बहरहाल कलेक्टर भोपाल रहते हुए किया जा रहा यह प्रयास कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा है। हालांकि यह विरोध के यह स्वर सार्वजनिक नहीं हुए हैं लेकिन आधुनिक परिधानों के शौकीन कर्मचारियों का विश्वास तो किया जाए कलेक्टर कार्यालय का यह निर्देश किसी तुुगलकी फरमान से कम नहीं है। क्योंकि सर्विस कोड में सेना सहित सुरक्षा एजेंसियों के अलावा किसी भी कर्मचारी के लिए डे्रस कोड की अनिर्वायता नहीं है। 

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