शुक्रवार, मार्च 08, 2013


ढूंढे नहीं मिल रहे हैं प्राध्यापक

-बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को आधे से अधिक खाली हैं पद 

भोपाल। संचालनालय चिकित्सा शिक्षा को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के लिए प्राध्यापक ढंूढे नहीं मिल रहे हैं। यहां रिक्त पदों की पूर्ति के लिए प्रयासरत संचालनालय प्रत्येक माह के चौथे बुधवार वॉक-इन-इंटरव्यू भी कर रहा है लेकिन विभिन्न विभागों के लिए 31 विशेषज्ञ प्राध्यापकों के साथ ही सहायक अध्यापकों का अभाव बना हुआ है।
 विधानसभा बजट सत्र के दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनूप मिश्रा ने विधायक शैलेंद्र जैन के प्रश्र का जबाव देते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेज में स्वीकृत प्राध्यापकों के लिए 25 पदों में मात्र 13 पद रिक्त हैं। जबकि सहायक प्राध्यापकों के लिए निर्धारित सेट्अप 31 पदों के मुकाबले मात्र 8 सहा. प्राध्यापक ही सेवाएं दे रहे हैं।  फोरेंसिंक मेडिसिन, डर्मेटोलॉजी, टी.बी. मेडिसिन, मानसिक रोग, एनेस्थेसिया, नेत्र रोग, रेडियो थेरेपी और दंत रोग जैसे महत्वपूर्ण विभाग प्राध्यापकों की बाट जोह रहे है। वहीं बायोकेमेस्ट्री, फार्माकोलॉजी, पीएसएस, सर्जरी, एनेंस्थीसिया, रेडियो डाग्रोसिस, रेडियो थेरेपी, शिशु रोग, दंत रोग व   फिजिकल मेडिसिन जैसे विभाग सहा. प्राध्यापकों के बिना विद्यार्थियों और रोगियों को अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे है।  

96 फीसदी ही बना भवन 

मेडिकल कॉलेज का भवन अब तक 96 फीसदी ही पूरा हो पाया है। निर्माण कार्य 10 अगस्त 2007 से शुरु यह कार्य 18 माह में पूर्ण होना था। लेकिन ठेकेदार द्वारा काम कराने की मंथर गति व कुशल कारीगरों की अनुपलब्धता के चलते भवन अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने सदन को बताया कि निर्माण एजेंसी मध्यप्रदेश गृह निर्माण मंडल द्वारा शेष कार्य 30 जून 2013 तक पूरा करने की संभावना व्यक्त की गई है।

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