शनिवार, अप्रैल 03, 2010

सानिया ने फैलाई सनसनी

देश की प्रसिद्ध टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा का पाकिस्तान की बहू बनने का इकरारनामे ने देश में सनसनी फैला दी है। कोई सनिया के दिल को पाकिस्तानी बता रहा है तो कई सानियां के पोस्टर जलाकर दिल की आग ठंडी कर रहे हैं। वह भी यह बिना सोचे की नारियों को आरक्षण देने की कवायद करने वाले इस देश में सानिया की मर्जी क्या है। सानिया मिर्जा किससे शादी करेगी। किससे नहीं करेगी। यह सानिया की मर्जी पर निर्भर है। वह बालिग है। अपना बुरा भला सोच सकती है। देश का कानून भी साफ कहता है कि एक बालिग युवक या युवती अपनी मर्जी से किसी से भी शादी कर सकता है। लेकिन यह भारत है। यहां बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना भी हो सकता है और परेशान भी। आजकल भारत में ऐसे बहुत सारे अब्दुल्ला हैं, जो सानिया की शादी से परेशान हो गए हैं। पाकिस्तान का कोई मामला हो और उसमें शिवसेना अपनी टांग न अड़ाए ऐसा हो ही नहीं सकता।पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक और टेनिस स्टार सानिया मिर्जा की शादी में भी शिवसेना ने अपनी टांग घुसेड़ दी है। इधर सपा नेता अबू आजमी भी पगला गए लगते हैं। उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि मैं शयोब मलिक की कभी तरफदारी नहीं कर सकता। वह कहते हैं कि हिन्दुस्तान और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच में मैं यह दुआ करुंगा कि मलिक जीरो पर आउट हो जाएं, और पाकिस्तानी टीम हार जाए। ऐसा लगता है कि अबू आजमी खेलों को सद्भावना की नजर से नहीं दुर्भावना की नजर से देखते हैं। अगर शयोब मलिक अच्छी बल्लेबाजी करेगा तो हमें क्यों अपनी सूरत पर बारह बजा लेने चाहिए ? जो अच्छा खेलेगा उसकी तारीफ तो करनी ही पड़ेगी। अब उसमें शयोब मलिक हों या सचिन तेंदुलकर। इससे क्या फर्क पड़ता है। हमारा मानना तो यह है कि खेल दो देशों के बीच सद्भावना कायम रखने के लिए खेले जाते हैं, दुश्मनी बढ़ाने के लिए नहीं। यदि खेलों से दो देशों के बीच दूरियां बढ़ती हैं तो ना खेलना ही बेहतर है।अबू आजमी के बेटे फरहान आजमी ने हाल ही में एक फिल्म अभिनेत्री आयशा टाकिया से शादी की है। क्या किसी ने सवाल किया कि आपके बेटे ने एक नाचने-गाने वाली लड़की से शादी क्यों की है। पूछने का मतलब भी नहीं है। क्योंकि यह आपके बेटे और आपके परिवार का मामला था। इसमें किसी को दखलअंदाजी करने का मतलब ही पैदा नहीं होता। इसी तरह सानिया मिर्जा और शयोब मलिक के परिवार राजी हैं तो अबू आजमी के पेट में दर्द क्यों हो रहा है ? 1978 के बाद से अब तक हजारों लड़कियों की शादी पाकिस्तान में हो चुकी है। यहां तक की फिल्म अभिनेत्री रीना रॉय भी पाकिस्तानी क्रिकेटर मोहसिन खान से शाद करके पाकिस्तान में रह चुकी हैं। उस वक्त तो किसी ने यह नहीं पूछा कि आप पाकिस्तान की हिमायत करेंगी या पाकिस्तान की ? सानिया मिर्जा से यह सवाल क्यों पूछा जा रहा है ?
शादी होने के बाद सानिया क्या फैसला लेती है, यह उस ही छोड़ दें तो बेहतर है। यहां यह बताना भी उल्लेखनीय हैं कि भारतीय मूल के कई लोग दूसरे देशों में जाकर भारत के खिलाफ खेल चुके हैं। मसलन, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन भारतीय मूल के होते हुए भी इंग्लैंड के कप्तान बने और भारत के खिलाफ खेले। शादी के बाद सानिया मिर्जा को भी पाकिस्तान की नागरिकता मिल जाएगी। पाकिस्तान की नागरिक होने के बाद यदि वे पाकिस्तान की तरफ से खेलती हैं, तो क्यों किसी को आपत्ति होनी चाहिए ? अभी सवाल यह भी है कि शादी के बाद वे टेनिस खेलना जारी रखती हैं या नहीं ? अभी सवाल यह भी है कि क्या पाकिस्तान के मुल्ला, जैसा कि कहा भी जाने लगा है, टेनिस खेलने की ड्रेस में सानिया को खेलने की इजाजत देते हैं या नहीं ? भारत में कुछ उलेमा उनकी ड्रेस पर उंगली उठा चुके हैं। हालांकि उलेमाओं का उनकी ड्रेस पर उंगली कतई सही नहीं है। हर खेल का एक ड्रेस होता है। यदि उस खेल का खेलना है तो ड्रेस कोड का पालन तो करना ही पड़ेगा।
इधर, शिवसेना ने भी इस मुद्दे पर अपनी त्योरियों चढ़ा ली हैं। शिवसेना के मुखपत्र हिन्दी 'सामना' के सम्पादक प्रेम शुक्ल एक न्यूज चैनल पर सानिया और शयोब मलिक पर अपनी भड़ास निकाल रहे थे। शिवसेना को तो माफ किया जा सकता है, क्योंकि उनकी रोजी-रोटी तो चलती ही है नफरतों के सहारे। पाकिस्तान का विरोध उसका सबसे प्रिय शगल है। यह अलग बात है कि शिवसेना दाउद इब्राहीम के समधी जावेद मियांदाद को 'मातोश्री' में बुलाकर उनकी सेवा करके अपने 'धन्य' मानती है। शिवसेना की सहयोगी भाजपा के नेता और प्रसिद्ध अभिनेता रह चुके शत्रुघ्न सिन्हा एक बार पाकिस्तान के तानाशाह जनरल जिया-उल-हक के खास मेहमान रह चुके हैं। टेनिस सनसनी की शादी को 'सनसनी' मत बनाइए। सानिया को अपनी जिन्दगी उनकी मर्जी से जीने दीजिए।

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