मशहूर पेंटर मकबूल फिदा हुसैन भारत को हमेशा के लिए बाय-बाय कह सकते है। खबर है कि यह विवादास्पद कलाकार कतर की नागरिकता ले सकते हैं। इससे साफ है कि वे भारत की नागरिकता छोड़ देंगे क्योंकि भारत में दोहरी नागरिकता का प्रावधान नहीं है।मकबूल फिदा हुसैन हिंदू देवी-देवताओं के आपत्तिजनक चित्र बनाने के लेकर विवादों में घिर गए थे और पिछले चार साल से वे निर्वासित जीवन जी रहे हैं। द हिंदू अखबार से बात करते हुए हुसैन ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें कतर की नागरिकता ऑॅफर की गई है। हुसैन ने अखबार से कहा कि मैं भारत में पैदा हुआ पेंटर हूं और अगर नागरिकता के इस ऑॅफर को स्वीकार करता हूं तो मुझे भारत की नागरिकता छोडऩी पड़ेगी।पिछले काफी समय से हुसैन दोहा में काम कर रहे थे। उनके काम से खुश होकर 95 साल के हुसैन को अमीरात के शाही परिवार ने सम्मान के रूप में नागरिकता ऑॅफर की है। ऐसा बहुत कम देखा जाता है जब अरब देश किसी को नागरिकता ऑॅफर करें। सरकारी सूत्रों का भी कहना है कि जब तक भारत में दोहरी नागरिकता को वैधता नहीं दे दी जाती तब तक हुसैन एक साथ भारत और कतर के नागरिक नहीं रह सकते।1996 में एमएफ हुसैन के साथ पहली बार विवाद जुड़ा जब उनकी वो पेंटिंग बाहर आईं जिन्हें उन्होंने 1970 के दशक में बनाया था। एक हिंदी पत्रिका में ये पेंटिंग छपीं और उसके बाद हुसैन के खिलाफ 8 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए। 1998 में बजरंग दल ने हुसैन के घर पर हमला किया। शिवसेना ने हमले का समर्थन किया। 1999 में उनकी लंदन में पेंटिंग की प्रदर्शनी रद्द करनी पड़ी क्योंकि उसे लेकर भारत में काफी विवाद हो गया था। 2006 में उनके खिलाफ हिंदुओं की भावनाएं आहत करने के आरोप तय हुए और गैरजमानती वारंट जारी हुआ।
शुक्रवार, फ़रवरी 26, 2010
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