गुरुवार, जनवरी 14, 2016

🔔अजब प्रदेश की गजब कहानी🔔


पान की दुकान पर खडे एक 30 वर्षीय युवक से बातचीत के कुछ अंश...

 मैने पूछा कुछ कमाते धमाते क्यो नहीं?

 वह बोला, "क्यो?"

 मै बोला, "शादी कर लो?"

 वह बोला, "हो गई।"

 मैंने पूछा, "कैसे?"

 वह बोला, "मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में।"

 मैं बोला, "फिर बाल बच्चों के लिए कमाओ।"

 वह बोला, "जननी सुरक्षा से डिलवरी मुफ्त और साथ मे 1400/- रू का चेक।"

 मैं बोला, "बच्चों कि पढ़ाई लिखाई के लिए कमा लो।"

 वह बोला, "उनके लिए पढ़ाई और भोजन मुफ्त।"

 मैं बोला, "यार घर कैसे चलाते हो?" वह बोला, "1रू किलो गेंहू और चावल से।"

 मैं झुंझला कर बोला, "यार माँ-बाप को तीर्थ यात्रा पे ले जाने के लिए तो कमा।"

 वह बोला, "दो धाम करवा दिए हैं, मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा से।"

 मुझे गुस्सा आया और मैं बोला, "माँ-बाप के मरने के बाद जलाने के लिए कमा।"

 वह बोला, "1 रू में विद्युत शवदाह गृह है।"

 मैंने कहा, "अपने बच्चों की शादी के लिए कमा।"

 वह मुस्कुराया और बोला, "फिर वहीं आ गए... वैसे ही होगी जैसे मेरी हुई थी।"

 मैं बोला, "यार एक बात बता ये इतने अच्छे कपडे तू कैसे पहनता है?"

 वह बोला, "राज की बात है... फिर भी बता देता हूँ, 'सरकारी जमीन पर कब्जा करो आवास योजना मे लोन लो और फिर मकान बेच कर फिर जमीन कब्जा कर पट्टा ले लो'।"

 मुझे तो कुछ समझ नहीं आया। अब आप ही बताइये... यह किस प्रदेश का निवासी है?
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 यह है अपना मध्य प्रदेश 🙏!

नोट: प्रस्तुत करता का इन विचारों से कोई वास्ता नही...लेखक अज्ञात है...इसलिए सोचो नही पढ़ो और आनन्द लेकर आगे बढ़ाओ😄😄😄

बुधवार, दिसंबर 24, 2014

भारत रत्न

भारत रत्न, भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. यह किसी भी क्षेत्र में सर्वोच्च सेवा या प्रदर्शन के लिए दिया जाता है. इस सम्मान के तहत एक सम्मन पत्र और मेडल दिया जाता है. इसके तहत किसी भी तरह की नगद राशि नहीं दी जाती.

भारत रत्न पाने वालों की सूची
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी 1954
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1954
डॉक्टर चंद्रशेखर वेंकट रमण 1954
डॉक्टर भगवान दास 1955
डॉक्टर एम विश्वेश्वरैया 1955
पंडित जवाहरलाल नेहरू 1955
पंडित गोविंद वल्लभ पंत 1957
डॉक्टर डी केशव कर्वे 1958
डॉक्टर विधान चंद्र रॉय 1961
पुरुषोत्तम दास टंडन 1961
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद 1962
डॉक्टर ज़ाकिर हुसैन 1963
डॉक्टर पांडुरंग वामन काने 1963
लाल बहादुर शास्त्री(मरणोपरांत) 1966
इंदिरा गांधी 1971
वराहगिरि वेंकट गिरि 1975
कुमारस्वामी कामराज (मरणोपरांत) 1976
मदर टेरेसा 1980
आचार्य विनोबा भावे 1983
ख़ान अब्दुल ग़फ़्फ़ार ख़ान 1987
एम गोपालन रामचंद्रन (मरणोपरांत) 1988
डॉक्टर भीमराव रामजी आंबेडकर(मरणोपरांत) 1990
डॉक्टर नेल्सन मंडेला 1990
राजीव गांधी (मरणोपरांत) 1991
सरदार वल्लभ भाई पटेल (मरणोपरांत) 1991
मोरारजी देसाई 1991
मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद(मरणोपरांत) 1992
जेआरडी टाटा 1992
सत्यजीत रे 1992
गुलज़ारी लाल नंदा 1997
अरुणा आसफ़ अली (मरणोपरांत) 1997
डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम 1997
एमएस सुब्बुलक्ष्मी 1998
सी सुब्रमण्यम 1998
जयप्रकाश नारायण (मरणोपरांत) 1999
प्रोफ़ेसर अमर्त्य सेन 1999
लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई (मरणोपरांत) 1999
पंडित रवि शंकर 1999
लता दीनानाथ मंगेशकर 2001
बिस्मिल्लाह ख़ान 2001
पंडित भीमसेन जोशी 2009
सीएनआर राव 2014
सचिन रमेश तेंदुलकर 2014
मदन मोहन मालवीय 2014
अटल बिहारी वाजपेयी 2014
जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री रहते हुए भारत रत्न मिला था. वहीं लाल बहादुर शास्त्री मरणोपरांत भारत रत्न पाने वाले पहले व्यक्ति थे.
क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर अब तक सबसे युवा भारत रत्न हैं.
सन् 1954 में स्थापित भारत रत्न सम्मान पहले केवल जीवित व्यक्ति को दिए जाने का प्रावधान था. बाद में इसमें संशोधन करके मृत व्यक्तियों को भी भारत रत्न देने की बात जोड़ी गई.

मंगलवार, अक्तूबर 14, 2014

आखिर देनी पड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा की जानकारी
-भर्ती को गोपनीय बताकर, धारा 8 की आड़ में देने से कर दिया था इंकार भोपाल। राज्य सूचना आयोग के आदेष के पालन में पुलिस ने पुलिस भर्ती परीक्षा की वह जानकारी उपलब्ध करा दी है, जिसे देने से पहले यह कह कर इंकार कर दिया था कि पुलिस भर्ती परीक्षा गोपनीय प्रक्रिया है जिसकी जानकारी नहीं दी जा सकती।
    प्रकरण में अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक (चयन/भर्ती) पुलिस मुख्यालय, भोपाल तथा पुलिस उप महानिरीक्षक, चंबल रेंज का कहना था कि आरक्षक भर्ती परीक्षा की जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 (र) के तहत गोपनीय व पर पक्ष से संबंधित होने तथा लोक हित में न होने के कारण देना संभव नहीं है। आरक्षक भर्ती प्रक्रिया को उक्त धारा के अंतर्गत प्रकटन से विमुक्ति प्राप्त है।
    राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने ए.डी.जी.पी. एवं डी.आई.जी. की इन दलीलों को खारिज करते हुये फैसला सुनाया था कि हर चयन/भर्ती परीक्षा में पारदर्षिता सुनिष्चित करना लोक हित एवं न्यायहित में आवष्यक है। हर शैक्षणिक व चयन/भर्ती परीक्षा के प्राप्तांकों की जानकारी स्वतः ही सार्वजनिक की जानी चाहिए। संघ लोक सेवा आयोग तथा म0प्र0 राज्य लोक सेवा आयोग ऐसा कर भी रहे हैं।
    आत्मदीप ने लोक सूचना अधिकारी डी.आई.जी. चंबल रेंज को आदेषित किया था कि वे आरक्षक भर्ती प्रक्रिया 2011 में चयनित उम्मीदवारों के प्राप्तांकों की जानकारी तथा अपीलार्थी की उत्तर पुस्तिका की सत्यप्रति 15 दिवस में अपीलार्थी को निःषुल्क उपलब्ध कराएं और 14 अक्टूबर 2014 की सुनवाई में आयोग के समक्ष पालन प्रतिवेदन पेष करें।
डी.आई.जी. ने मंगलवार की सुनवाई में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि आयोग के आदेष के पालन में अपीलार्थी को आरक्षक भती प्रक्रिया 2011 में चयनित उम्मीदवारों के संबंध में चाही गई जानकारी निःषुल्क उपलब्ध करा दी गई है। सुनवाई में अपीलार्थी ओमप्रकाष षर्मा, मुरैना ने पुष्टि की कि उन्हे भर्ती परीक्षा की वांछित जानकारी प्राप्त हो गई है।
तीन साल बाद मिली जानकारी
मामले में अपीलार्थी ओमप्रकाष शर्मा को तीन साल बाद जानकारी मिल सकी। सूचना आयोग में आने के बाद आयुक्त के हस्तक्षेप से मामले का निराकरण हो सका। 
उत्साहित अपीलार्थी ने मांग ली एक और जानकारी
उम्मीद छोड चुके अपीलार्थी ने चाही गई जानकारी मिल जाने से उत्साहित होकर सुनवाई के दौरान एक और जानकारी मांग ली। अपीलार्थी ने आयोग से अनुरोध किया कि उसे उक्त भर्ती परीक्षा में चयनित प्रत्याषियों को लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों की जानकारी भी दिलाई जाए। अपीलार्थी ने अपने मूल आवेदन में यह जानकारी नहीं मांगी थी। फिर भी सूचना आयुक्त आत्मदीप ने उदारता दिखाते हुए डीईजी को निर्देषित किया कि वे परीक्षा में पारर्दिषता सुनिष्चित करने के लिए अपीलार्थी को यह जानकारी भी उपलब्ध करा दें। इस पर लोक सूचना अधिकारी की ओर से सहमति व्यक्त की गई। 

सोमवार, अक्तूबर 13, 2014

मौका मिला तो समधी देगा दूसरे को चुनौती 
भोपाल। नगरीय निकायों में कब्जे के मद्देनजर राजनैतिक दल चुनावी दंगल को दिलचस्प बनाने की तैयारी में हैं। यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो राजधानी नजीर के रूप में सामने होगी। क्योंकि, महापौर पद के लिए जिन नेताओं की मजबूत दावेदारी भाजपा और कांग्रेस से मानी जा रही है, उनमें दो एक-दूसरे के समधी भी है।
   यहां बात हो रही है नगर निगम अध्यक्ष कैलाश मिश्रा व भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक रमेश शर्मा गुट्टू भैया की। महापौर पद के लिए आरक्षण क्रम की प्रक्रिया अधूरी है और राजनैतिक दलों का रुख भी इनको लेकर स्पष्ट नहीं है। बावजूद इसके दोनो ही नेताओं ने अपनी-अपनी मंशा से आलाकमान को अवगत करा दिया है। महापौर पद सामान्य पुरूष घोषित होने की संभावना कमतर ही आंकी जा रही है, लेकिन इस श्रेणी के उम्मीदवारों की फेहरिस्त जरा लंबी भी बताई जाती है। भाजपा के रमेश शर्मा की माने तो पार्टी के फैसले का सम्मान करेंगे, फिर चाहे समधी कैलाश मिश्रा से ही मुकाबला क्यों न करना पड़े।

बुधवार, अक्तूबर 01, 2014

जनता को झाडू थमाना चाहती है सरकार 
-स्वच्छ मप्र का शिवराज ने दिया नारा 
भोपाल। केंद्रीय मंत्री भले ही इन दिनों मोदी को खुश करने झाडू लगाते देखे जा रहे है। लेकिन मप्र सरकार जनता को झाडू थमाने की तैयारियों में जुटी है। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा द्वारा सभी विभाग प्रमुखों, संभाग आयुक्तों व कलेक्टरों को लिखे पत्र से यह मंशा जाहिर हुई है।
         हालांकि गांधी जयंती पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अगुआ बन इस श्रमदान की शुरुआत करेंगे। लेकिन चिंता इस बात की है कि यह प्रतीकात्मक भर न रहे बल्कि इसके ठोस प्रतिफल भी सामने आएं। लिहाजा मंत्रालय से लेकर पंचायत स्तर तक अधिकारियों-कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ छात्र-छात्राओं को भी सफाई अभियान से जोडऩे के लिए कहा गया है। स्वच्छता के संकल्प को चरितार्थ करने सप्ताह में 2 घंटे श्रमदान करने की शपथ भी दिलाई जाएगी। 

श्रमदान के स्थान 
औद्योगिक क्षेत्र, मंडल, सब्जी मार्केट, होस्टल, आंगनबाडी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, विद्यालय, बस स्टैंड, ऐतिहासिक स्मारक और सरोवर